जेवर पर आनिवार्य हालमार्क को लेकर देशभर के सर्राफा कारोबारियों की नींद उडी ,वाणिज्य मंत्री से तारीख को बढाने की मांग





जहां पूरा देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है वही देशभर के सर्राफा कारोबारियों की नींद ज्वेलरी पर लगने वाली  हालमार्किंग को लेकर उड़ी हुई है. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से इस आपदा के घडी में आगामी 1 जून से ज्वेलारियों पर हालमार्किंग को अनिवार्य करने का फरमान जारी किया जा चुका है, ऐसे में देश के प्रमुख राज्यों के सर्राफा एसोसिएशन ने कैट (CAIT) के माध्यम से केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखकर इसके तारीख को बढाने की मांग की है। क्यूंकि देश के 11 राज्यों में एक भी हालमार्किंग सेंटर भी नहीं है.   


   

आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा ने बताया कि 29 अप्रैल को देश के प्रमुख राज्यो के समस्त सराफा एसोसिएशन और AIJGF/GJC/GJTCI के प्रतिनिधियों ने CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ वर्चुअल मीटिंग में हालमार्क की तारीख बढ़वाने के साथ BIS सेंटर की जगह जेवेलर्स को जिम्मेदार ठहराने, इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद न होने सहित तमाम विसंगतियों पर विस्तार से चर्चा की. सभी एसोसिएशन ने अपनी मांगों को CAIT के माध्यम से भारत सरकार के सामने हालमार्क के गंभीर मुद्दे को समक्ष रखने की अपील की. वहीँ CAIT ने सभी एसोशिएशन के मांग पत्र को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल  को भेज दिया है.



पंकज अरोरा ने बताया कि हॉलमार्किंग के निम्न बिंदुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसमे



1. बीआई एस मानक प्रत्येक सोने के आइटम की हॉलमार्किंग प्राप्त करना अनिवार्य बनाते हैं, लेकिन देश भर के व्यापारियों द्वारा हॉलमार्किंग प्राप्त करना काफी असंभव है क्योंकि वर्तमान में देश में 733 जिलों में से हॉलमार्किंग केंद्र केवल 250 जिलों में उपलब्ध हैं। इसे में कैसे और किस तरीके से इन जिलों में गहनों का व्यापार हॉलमार्किंग प्राप्त करने में सक्षम होगा. 

2. देश के 11 राज्यों में एक भी हॉलमार्किंग केंद्र नहीं है। सवाल यह है कि इन राज्यों में आभूषण व्यापार कैसे हॉलमार्किंग प्राप्त करने में सक्षम होगा.

3. ज्यादातर छोटे शहरों और कस्बों में, हॉलमार्किंग सुविधाओं की बहुत कमी है जो हॉलमार्किंग प्राप्त करने के लिए छोटे ज्वैलर्स को असहाय बना देगा और छोटे शहरों में ज्वैलरी निर्माता और व्यापारी आजीविका पूर्ति में असहाय हो जाएंगे

4. बीआईएस मानकों के अनुसार प्रत्येक सोने की वस्तु को हॉलमार्क किया जाना चाहिए और सभी सोने के जेवरो  की हॉलमार्किंग अनिवार्य है और केवल ₹. 35.00 प्रति नग का शुल्क देकर हॉलमार्क प्राप्त करने की आवश्यकता है।

5. हॉलमार्किंग केंद्रों के कार्य का संचालन स्टॉक से अपेक्षित हॉलमार्किंग से एच्छिक नमूने लेने के लिए होता है, लेकिन संबंधित व्यापारी प्रत्येक वस्तु के लिए शुल्क का भुगतान करने के दायित्व के तहत होता है और व्यापारियों को एक समरूप घोषणा पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसका अर्थ है कि किसी भी समय यदि कोई वस्तु गुणवत्ता से नीचे पाई जाती है, तो व्यापारी को उप-मानक गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसे में सवाल यह है कि जब व्यापारी प्रत्येक वस्तु के लिए शुल्क दे रहे हैं तो हॉलमार्किंग केंद्र यादृच्छिक नमूने क्यों चुनते हैं।


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उन्होंने बताया कि अभी भी हॉलमार्किंग के क्रियावान के लिए जाने से पहले आवश्यक बुनियादी ढांचे, हॉलमार्किंग केंद्रों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में बहुत कुछ किया जाना है। इसलिए 1 जून, 2021 से हॉलमार्किंग कार्यान्वयन की तारीख बढ़ाये जाने की मांग की है. उधर कैट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में आभूषण समुदाय सोने के गहनों के कारोबार में मानकों को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग का स्वागत करता है ताकि सोने की गुणवत्ता के साथ किसी भी ग्राहक को धोखा न दिया जा सके मगर पर्याप्त मात्रा में हॉलमार्किंग केंद्र नहीं बने और ब्यूरो द्वारा मानकों में आवश्यक संशोधन नहीं किये गए तो देश भर में ज्वेलरी व्यापार में काम करने वाले छोटे व्यापारियों को अपना कारोबार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा.l